सफेद दाग से हीनभावना? जानें डॉक्‍टर क्‍या कहते हैं

सफेद दाग से हीनभावना? जानें डॉक्‍टर क्‍या कहते हैं

सेहतराग टीम

समाज में त्‍वचा के रंग को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली होती हैं। गोरी-काली त्‍वचा को लेकर टीका-टिप्‍पणियां तो आम हैं ही मगर इसके साथ ही त्‍वचा से संबंधित कुछ परेशानियां होती हैं जो लोगों के आत्‍मविश्‍वास को कम करती हैं और उन्‍हें लगता है इसके कारण समाज में उन्‍हें प्रताड़ना का सामना करना पड़ सकता है। त्‍वचा पर सफेद दाग आना ऐसी ही एक स्थिति है। सवाल है कि क्‍या सफेद दाग आखिर क्‍या रोग है और क्‍या इसका इलाज संभव है? प्रो. (डॉ.) एम पी श्रीवास्‍तव और डॉक्‍टर संजय श्रीवास्‍तव ने अपनी किताब ‘सवाल आपके जवाब डॉक्‍टर के’ में इस सवाल का जवाब दिया है।

डॉक्‍टर श्रीवास्‍तव के अनुसार त्‍वचा का रंग कई बीमारियों, दवाओं व दूसरे तत्‍वों के सेवन घटता बढ़ता रहता है मगर त्वचा पर सफेद धब्‍बे, जिन्‍हें सफेद दाग या विटिलिगो की संज्ञा दी गई है, रंग बनाने वाले परिकोष्‍ठ के नष्‍ट हो जाने के कारण होते हैं। थाइराइड ग्रंथि रोगों, मधुमेह, एड्रीनल ग्रंथि के हारमोन की कमी या आमाशय के कैंसर के कारण भी त्‍वचा पर सफेद दाग हो सकते हैं। मगर यह रोग लाईलाज नहीं है। इसके लिए त्‍वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह कर सकते हैं। डॉक्‍टर श्रीवास्‍तव इस भ्रांति को लेकर भी जवाब देते हैं कि क्‍या सफेद दाग का कुष्‍ठ रोग से कोई संबंध है। वो कहते हैं कि उपरोक्‍त वजहों से सफेद दाग होते हैं और इसका कुष्‍ठ रोग से कोई संबंध नहीं होता।

चिकित्‍सा जगत की प्रतिष्ठित वेबसाइट मेयो क्लिनिकल पर दी गई जानकारी के अनुसार त्‍वचा का रंग मेलानिन से निर्धारि‍त होता है और सफेद दाग की समस्‍या तब होती है जबकि त्‍वचा के किसी खास हिस्‍से में मेलानिन का निर्माण किसी भी वजह से रुक जाता है। खास बात यह है कि ये बीमारी किसी भी रंग वाली त्‍वचा पर और शरीर के किसी भी हिस्‍से में हो सकती है। यहां तक कि चेहरे और बाल भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। ये संक्रामण रोग नहीं होता, यानी एक व्‍यक्ति से दूसरे में नहीं फैल सकता इसलिए सफेद दाग पीडि़त व्‍यक्ति के साथ सामान्‍य व्‍यवहार करने से दूसरे को कोई नुकसान नहीं होता। उल्‍टा उस व्‍यक्ति को इससे बहुत सहारा मिलता है क्‍योंकि ये बीमारी लोगों में हीनभावना भरती है। यदि कैंसर की वजह से न हो तो सफेद दाग के कारण किसी तरह का जान का खतरा भी नहीं होता है। सफेद दाग का इलाज कराने पर त्‍वचा की असली रंगत वापस आ सकती है मगर इलाज भविष्‍य में फिर से बीमारी को रोकने की गारंटी नहीं देते।

 

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